आपको भी अगर आतंकवाद पर निबंध पढ़ना है तो आप एक सही लेख में आए हो इस लेख में हमने आतंकवाद पर निबंध लिखा है। आपको भी आतंकवाद पर निबंध 300 शब्दों में, आतंकवाद पर निबंध 500 शब्दों में, आतंकवाद पर निबंध 1000 शब्दों में तलाश है तो आप इस लेख में पढ़ सकते हो। आतंकवाद पर निबंध परीक्षा में पूछा जाता है। इस लेख को पढ़ने के बाद आप सभी परीक्षाओं में Aatankwad par nibandh in hindi बड़ी आसानी से लिख सकते हो।
Set 1 (आतंकवाद पर निबंध 300 शब्दों में)
प्रस्तावना -
आतंकवाद एक हिंसात्मक कुकृत्य है। जिसको अंजाम देने वाले समूह को आतंकवादी कहते हैं। वो बहुत साधारण लोग होते है और दूसरों के द्वारा उनके साथ घटित हुए कुछ गलत घटनाओं या कुछ प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसी तरह अपने दिमाग पर से नियंत्रण खो देते हैं। जो उन्हें उनकी इच्छाओं को पूरा करने में अक्षम बना देता है। धीरे-धीरे वह समाज के कुछ बुरे लोगों के प्रभाव में आ जाते हैं। जो उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करने का वादा करते है। वो सभी एक साथ मिलते है और एक आतंकवादी समूह बनाते है। जो कि अपने ही राष्ट्र, समाज, समुदाय से लड़ता है।
आतंकवाद : एक वैश्विक समस्या -
आतंकवाद देश के सभी युवाओं के विकास को प्रभावित करता है। यह राष्ट्र को उचित विकास से कई वर्ष पीछे धकेल देता है। आतंकवाद देश पर अंग्रेजों की तरह राज कर रहा है जिससे हमें आजाद होने की जरूर है हालांकि ऐसा प्रतीत होता है की आतंकवाद हमेशा अपने जड़ को गहराई से फैलाता रहेगा। क्योंकि अपने अनैतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए राष्ट्र के कुछ अमीर लोग अभी इसको समर्थन दे रहे हैं।
आतंकवाद का अंत कैसे हो -
हमें हमारे देश मे पनप रहे इस आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के बारे में सोचना होगा। मानव मस्तिष्क से इस आतंक को हटाने के साथ ही इसके पूरे साम्राज्य को पूरी तरह से नेस्तनाबूद करने के लिए हमें एक मजबूत रणनीति बनानी चाहिए। आतंकवाद अपने मकसद को पाने के लिए हिंसात्मक तरीका अपनाता है।
निष्कर्ष -
आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है जो मानव दिमाग का इस्तेमाल करके अपनी जड़े मजबूत कर रहा है। आतंकवाद लोगों को कमजोर बनाने के लिए उन्हें डराता है। जिससे वह दोबारा से राष्ट्र पर कब्जा कर सके। सभी राष्ट्र को मिलकर आतंकवाद का सामना करना होगा
Set 2 (आतंकवाद पर निबंध 500 शब्दों में)
रूपरेखा -
- प्रस्तावना
- आतंकवाद के कारण
- भारत में आतंकवाद
- आतंकवाद के अंत का उपाय
- उपसंहार
प्रस्तावना -
आतंकवाद एक ऐसी पशु प्रवृत्ति है जिसकी न कोई जाति है न धर्म है, न समाज, न राष्ट्र है यह तो विघटनकारी तत्वों द्वारा स्वार्थ में अंधे होकर किया गया एक सामूहिक हिंसात्मक प्रयास है। जिससे राष्ट्रद्रोह के प्रति राग और देश भक्ति के प्रति द्वेष भाव मुख्य रूप से रहता है
आतंकवाद के कारण -
अंतरराष्ट्रीय प्रगति की दौड़ में प्रत्येक राष्ट्र एक दूसरे के प्रगति पथ पर पत्थर रखना चाहता है आतंकवाद भी एक पत्थर ही है आतंकवादी जो जाति, धर्म, भाषा तथा क्षेत्र आदि को माध्यम बनाकर किसी देश के उन्नति के मार्ग पर गतिरोधक बनकर खड़े हो जाते हैं। आतंकवाद के पीछे किसी दूसरे देश की बुरी साजिश होती है।
भारत में आतंकवाद -
हमारे देश में आतंकवाद दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। आज भी ऐसे कुछ कश्मीरी कुपुत्र है। जो खाते इस देश का है लेकिन दूसरे देश की बुरी साजिशों को हमारे देश में अंजाम देते है। पुलवामा हमले जैसे खतरनाक घटनाएं आतंकवाद की बढ़ोतरी को प्रकट करती हैं। कश्मीर के साथ-साथ भारत के कई राज्य आतंकवाद की समस्या से पीड़ित हैं। सीमा पर होने वाली अधिकतर घटनाएं आतंकवादियों के कारण होती हैं यानी आतंकवादी लोग ही सीमा पर देश को नुकसान पहचाने का षड्यंत्र रचते हैं।
आतंकवाद के अंत का उपाय -
आतंकवाद के अंत के लिए हमें युद्धस्तर पर जूझना पड़ेगा। युवा पीढ़ी जो भटकाव के रास्ते पर है उन्हें विश्वास में लिया जाए और उनमें देश प्रेम की भावना भरी जाए। आतंकवादी को आश्रय देने वालों पर भी देशद्रोह का आरोप लगाकर कड़ी सजा दी जाए।
उपसंहार -
आतंकवाद को रोकने के लिए प्रत्येक आदमी का कर्तव्य है की वह इसको समाप्त करने के लिए अंत तक संघर्ष करें। प्रशासन का पूरा समय आतंकवाद से निपटने में लग जाता है। अतः यदि हम चाहते हैं की हम और हमारा देश शांतिमय रहे अहिंसा के पथ पर चले और अन्य देश की भांति उन्नति करें तो हम सब का यह कर्तव्य है की हम आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाएं।
Last word:-
आपको भी इस लेख का आतंकवाद पर निबंध पसंद आया है तो आप इस आतंकवाद पर निबंध लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हो। आपका जो दोस्त आतंकवाद पर निबंध पढ़ना चाहता है उसकी भी मदद हो जाएगी। इस लेख में लिखा गया आतंकवाद पर निबंध को आप याद कर लेते हो तो आप इसे अपनी परीक्षा में लिखकर अच्छे अंक ला सकते हो।